क्या राम आयेंगे!

हर ओर गूंजता जो ये नाद है,अंतर्मन में छिड़ा एक संवाद है,जो इश्वाकु क्षीणता के अपवाद हैं,क्या पत्थर उनकी मर्यादा बता पाएंगे!क्या पुषोत्तम राजा राम फिर आयेंगे! जिसके लिए ना कोई छोटा था ना बड़ा,जिसके लिए धर्म था रहना न्याय पे अड़ा,जो सब त्याग के रहा हर वचन को खड़ा,क्या उत्सव उन मूल्यों को सिखा … Read more