प्रकर्ती का प्रकार

ये जो हुई विकट उदगार है,
ये जो मचा हाहाकार है
ये जो तेरा बिखरता संसार है,
ये भी मेरा एक प्रकार है।

ना तेरी सगी ना संबंधी हूं,
ना मैं बहरी और ना अंधी हूं,
ना ये दंड और ना अत्याचार है,
ये भी मेरा एक प्रकार है।

जैसे तूने मुझको भोगा,
वैसा तुझ संग भी तो होगा,
ये तेरे ही कर्मों का प्रतिकार है,
ये भी मेरा एक प्रकार है।

समय रहते जा संभल,
समा जा मुझमें और फिर चल,
तुझे रोके बस तेरा अहंकार है,
ये भी मेरा एक प्रकार है।

  • शार (११/०७/२०२३)

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